Achyutam keshvam
- 105 Posts
- 250 Comments
प्यार नहीं है तुमको मुझसे,
तुमने बता दिया अच्छा है.
——————————-
मैं तो गफलत में जी लेता ,
विष को अमिय समझ पी लेता .
मजबूरी के धागों को ही ,
प्रेम समझ दामन सीं लेता .
मेर झूँठे सपनों का सच ,
तुमने बता दिया अच्छा है.
प्यार नहीं है तुमको मुझसे,
तुमने बता दिया अच्छा है.
——————————-
उपवासों के कुल में आती ,
त्योहारों के घर की डोली ?
कैसे पतझड़ के मौसम की
बनती ऋतू रानी हमजोली ?
दीपक का सूरज की किरणों –
से सम्मिलन असम्भव ही था .
फटी कमीजों से गठबन्धन ,
करती चमचम चूनर चोली ?
अपनी प्रोफाइल से मिटला ,
मेरा पता दिया अच्छा है.
प्यार नहीं है तुमको मुझसे,
तुमने बता दिया अच्छा है.
Read Comments